इंटेलिजेंस और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस में अंतर

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                    इंटेलिजेंस और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस में अंतर प्रस्तावना मनुष्य अपनी बुद्धिमत्ता (Intelligence) के कारण इस धरती पर सबसे विकसित प्राणी माना जाता है। उसकी सोचने, समझने, विश्लेषण करने, निर्णय लेने और अनुभवों से सीखने की क्षमता ने उसे अन्य सभी जीवों से अलग बनाया है। समय के साथ, जब विज्ञान और तकनीक ने प्रगति की, तो मनुष्य ने अपने इस बुद्धि-बल को मशीनों में डालने का प्रयास किया — ताकि वे भी किसी हद तक मनुष्यों की तरह सोच सकें और निर्णय ले सकें। यही विचार आगे चलकर “आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस” या कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के रूप में विकसित हुआ। हालाँकि “इंटेलिजेंस” और “आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस” दोनों का संबंध सोचने और निर्णय लेने से है, परंतु दोनों में मौलिक अंतर हैं। एक प्राकृतिक है, जबकि दूसरा मनुष्य द्वारा निर्मित। आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं। 1. इंटेलिजेंस (Intelligence) क्या है? इंटेलिजेंस का अर्थ होता है — सोचने, समझने, तर्क करने, समस्याओं का समाधान खोजने, अनुभवों से सीखने, और नई परिस्थितियों के अनुसार अपने व्...

आई पी एल के साइड इफेक्ट


               टी नटराजन

आज हम जिस क्रिकेटर के बारे में हम बात करने वाले है। वो पिछले कुछ सालों के  आई पी एल मैच से जानते होंगे।पर उतना नहीं जितना अभी उन्होंने हिन्दुस्तानी दिलो में  जगह बनाया है।
इनका पूरा नाम थांगरासू नटराजन इनका जन्म चिन्नापामपट्टी गांव तमिलनाडु में हुआ है। इनके पिता दिहाड़ी मजदूर और इनकी मां घर संभालने के लिए चिकेन की दुकान चलती है।जो अभी चला रही है इनका जीवन काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है।             आज नटराजन जो मैदान में अपना जलवा बिखेर रहे हैं उसके पीछे उनका और उनके परिवार का कड़ा संघर्ष रहा है 

लेकिन इस खिलाड़ी ने पैसा कमाने के बाद सबसे यह सुनिश्चित किया कि उनके माता पिता का आगे कोई परेशानी नहीं झेलनी पड़े और उनकी बहनों को उचित शिक्षा मिले।
नटराजन ने IPL में हुई अपनी नीलामी के पैसे से अपने परिवार के लिए वो सब कुछ किया जो वह कर सकते थे। हालांकि वह अपनी मां को सड़क के किनारे चिकन बेचना छोड़ने से नहीं मना पाए। वो आज भी ये काम करती हैं।

उन्होंने सबसे पहले अपने मां बाप के लिए अच्छा सा घर बनवाया और अपनी बहनों की पढ़ाई के लिए अच्छे स्कूल कॉलेज में एडमिशन करवाया जो एक भाई की जिम्मेदारी होती है उसे उन्होंने बखूबी निभाया.... इतना ही नहीं नटराजन ने गांव में खेलने वाले क्रिकेटर्स के लिए एकेडमी भी खोल दी।  उन्होंने तमिलनाडु के सलेम जिला स्थित अपने गांव चिन्नापामपट्टी में अकादमी शुरू की और अपने साथियों को खेल नहीं छोड़ने के लिए प्रेरित किया। यह सब उन्होंने तमिलनाडु की गेंदबाजी विभाग की जिम्मेदारियों को संभालते हुए किया।


नटराजन को पहले किंग्स इलेवन पंजाब ने 2017 में तीन करोड़ रुपये में खरीदा था लेकिन वह अपने खेल से प्रभावित नहीं कर पाये थे। उन्हें 2018 में सनराइजर्स ने चुना था लेकिन उन्हें इस सत्र में जाकर अपना पहला मैच खेलने का मिला था। 

नटराजन की डेथ ओवर्स के एक्सपर्ट गेंदबाज के रूप में पहचान मौजूदा इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से कुछ साल पहले हुई थी जब उन्होंने अपनी यॉर्कर से लगातार बेस्ट बल्लेबाजों को आउट किया। इसके बाद वे चर्चा में आ गए। ब्रेट ली, सहवाग समेत कई दिग्गज खिलाड़ियों ने उनकी तारीफ की।


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